उत्तरी भारत के अधिकांश जगहों पर 25 की शाम से 28 की रात तक बारिश और बर्फबारी के लंबे समय तक रहने के संकेत मिल रहे हैं, क्योकि मध्य पश्चिमी क्षोभ मंडल में एक ट्रफ के रूप में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के साथ 5.8 कि किमिo से ऊपर की धुरी के साथ मध्य स्तर पर अफगानिस्तान और पश्चिम पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र में है। और पूर्व की ओर भारत के मध्य राजस्थान की ओर बढ़ेगा (अभी लगभग उत्तर में 62 ° E देशांतर और 28 ° N अक्षांश पर मौजूद है) यह 25 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करने की संभावना है, साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और पड़ोस में 1.5 और 3.1 किमी समुद्र स्तर के ऊपर एक चक्रवाती संचलन के रूप में बना हुआ है, इसके प्रभाव से पश्चिम राजस्थान में और सटे हुए पाकिस्तान में ट्रफ बनने की संभावना है ।
राज्यवार मौसम पूर्वानुमान:
राजस्थान: मध्य और उत्तर राजस्थान (हनुमानगढ़, अलवर, जोधपुर, बीकानेर और सीकर, जोधपुर और फलोदी और आसपास के क्षेत्रों जैसे प्रमुख शहरों) में 25 की शाम से 27 की सुबह तक हल्की से मध्यम वर्षा के आसार है जबकि इसी दौरान कुछ एक दो जगहों पर भारी बारिश की और ओलावृष्टि की गतिविधिया भी देखी जा सकती है। । श्रीगंगानगर और जैसलमेर जैसी जगहों पर इस आगामी प्रणाली से कोई महत्वपूर्ण वर्षा होने की संभावना नहीं है, हालांकि एक या दो अलग-थलग जगहों पर वर्षा और गरज के साथ बारिश की गतिविधियों को नकारा नहीं जा सकता है।
हरियाणा और दिल्ली / एनसीआर: हरियाणा के मुख्यत जगहों पर (हरियाणा के प्रमुख जगहों जैसे फरीदाबाद, गुड़गांव, मानेसर, पलवल, औरंगाबाद, रेवाड़ी, पटौदी, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों ) और दिल्ली / एनसीआर में 25 की शाम से 27 शाम तक हल्की से मध्यम वर्षा के आसार है जबकि कुछ एक दो जगहों पर भारी बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधिया भी देखी जा सकती है।
पंजाब: पूरे पंजाब के मुख्यत जगहों पर (पंजाब के प्रमुख जगहों अमृतसर, बटाला, गुरदासपुर, जालंधर, मोगा, पटियाला, लुधियाना, मनसा, संगरूर, होशियारपुर और आसपास के क्षेत्रों ) में 26 की दोपहर से 28 की सुबह तक हल्की से मध्यम वर्षा के आसार है जबकि कुछ एक दो जगहों पर भारी बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधिया भी देखी जा सकती है। दक्षिण पश्चिम पंजाब के कुछ हिस्सों,अबोहर और मलौट जैसी जगहों पर इस आगामी प्रणाली से कोई महत्वपूर्ण वर्षा होने की संभावना नहीं है, हालांकि एक या दो अलग-थलग जगहों पर वर्षा और गरज के साथ बारिश की गतिविधियों को नकारा नहीं जा सकता है।
उत्तर प्रदेश: पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश (पश्चिमी यूपी के प्रमुख जगहों जैसे सहारनपुर, बिजनौर मेरठ, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, गाजियाबाद, बुलंदशहर और वहाँ के आस-पास के क्षेत्रों ) में 26 की दोपहर से 28 की सुबह तक हल्की से मध्यम वर्षा के आसार है । पूर्वी उत्तर प्रदेश को इस प्रणाली से अप्रभावित रहने की संभावना है लेकिन मध्य यू.पी. (लखनऊ, कानपुर और वहां के आस-पास के इलाके) में एक या दो अलग-थलग जगहों पर 27 और 28 नवंबर को और गरज के साथ बारिश की गतिविधिया भी देखने को मिल सकती हैं।
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: इस प्रणाली से सभी चार हिमालयी क्षेत्रों के प्रभावित होने की संभावना है, 26 नवंबर से शुरू होकर 28 की रात तक चारो क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश / बर्फबारी के साथ कुछ जगहों भारी बारिश/बर्फ़बारी के आसार हैं। इस अवधि के दौरान 2000 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई पर अधिकांश स्थानों पर बर्फबारी होने की संभावना है, इस अवधि के दौरान कश्मीर, लद्दाख, स्पीति, मनाली, नारकंडा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, औली, और शिमला के ऊपरी भागों, जैसे प्रमुख जगहों पर हल्की से भारी बर्फबारी की गतिविधियां होने की संभावना है।
28 नवंबर के बाद इस प्रणाली के समाप्त होने के बाद, उत्तर पश्चिमी सर्द हवाएँ पूरे उत्तरी मैदानी इलाकों पर पकड़ बना लेंगी और लोगो को स्वेटर और जैकेट निकलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और तब हम इसे सर्दियों का मौसम घोषित कर सकते हैं।
वैदर एंड क्लाइमेट ऑफ नॉर्थ इंडिया के लिए
सृजन कुमार गुप्ता
एडिटर
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